संसार में तीन मुख्य संसाधन हैं।
संसार में तीन मुख्य संसाधन हैं। यानि पहली रिर्सोस बेसिक दूसरी नैचुरल और तीसरी ग्रेट। संसाधनों को जिस महान अर्थशास्त्री और सांख्यिकी-विद् ने वर्गीकृत किया है उनका नाम है, ई.एफ. शुमाकर। उन्होंने मूल भूत संसाधन मनुष्य को माना है, प्राकृतिक संसाधनों में खनिज,जल इत्यादि आते हैं और शुमाकर ने महान संसाधन …
शिक्षा एक महान संसाधन: ई.एफ. शुमाकर
इतिहास गवाह है कि शुरू से अंत तक मनुष्य धरती के जिस भी हिस्से में जाकर बसा उसने वहां अपनी जाति की वृद्धि की और किसी न किसी  प्रकार की संस्कृति को जन्म दिया। मनुष्यों ने हमेेशा और हर जगह अपनी जीविका के साधन ढूंढे और उन्हें बचा कर भी रखा। कहना उचित होगा कि समय-समय पर सभ्यताओं ने जन्म लिया और उन्नत हु…
भारतीय राष्ट्रीयता और मुसलमान
इस लेख का विषय और शीर्षक दोनों ही हमने रामधारी सिंह दिनकर की पुस्तक संस्कृति के चार अध्याय से लिए हैं। हालांकि यह पुस्तक पहली बार सन् 1956 में प्रकाशित हुई थी। लेकिन हमारे पास इसकी सन् 2000 में हुई पुनरावृति है, जिसकी मदद से हम उक्त विषय पर लिखने से अधिक समझने का प्रयास करेंगे। क्योंकि हमारे देश मे…
लोकतंत्र बचाने से पहले इसके मूल को  समझना ज़रूरी-पार्ट -4
उपरोक्त शीर्षक की हम चौथी कड़ी लिखने जा रहे हैं। इस कड़ी हम जानेगें कि, 'आर्थिक संवृद्धि,सामाजिक लामबंदी और डेमोक्रेसी,' के बारे में। इससे पहले हमने एक किताब  Social Origins Of Dictatorship and Democracy जिसे  Barrington Moor ने लिखा था का हवाला देकर उस पुस्तक में उल्लेखित कुछ पेचीदिगियों …
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